नई शिक्षा नीति(National Education Policy) 2020: 29 July Wednesday (बुधवार) को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को मंजूरी दे दी, जिसमें स्कूल और उच्च शिक्षा में व्यापक बदलाव का प्रस्ताव था।
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 आजादी के बाद की पहली भारत केंद्रित शिक्षा नीति है और यह अपनी संस्कृति में निहित मजबूत नागरिकों के विकास के लिए नींव रखेगी, और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को लेने के लिए प्रशिक्षित है।
एक एनईपी(National Education Policy) देश में शिक्षा के विकास का मार्गदर्शन करने के लिए एक व्यापक ढांचा है। नीति की आवश्यकता पहली बार 1964 में महसूस की गई जब कांग्रेस के सांसद सिद्धेश्वर प्रसाद ने शिक्षा के लिए एक दृष्टि और दर्शन की कमी के लिए तत्कालीन सरकार की आलोचना की। उसी वर्ष, एक 17-सदस्यीय शिक्षा आयोग, जिसकी अध्यक्षता यूजीसी के अध्यक्ष डी एस कोठारी ने की थी, इसका गठन शिक्षा पर एक राष्ट्रीय और समन्वित नीति का मसौदा तैयार करने के लिए किया गया था। इस आयोग के सुझावों के आधार पर, संसद ने 1968 में पहली शिक्षा नीति पारित की।
एक नया एनईपी आमतौर पर हर कुछ दशकों में आता है। भारत में ये तीसरी बार हुआ हे| पहला 1968 में और दूसरा 1986 में क्रमशः इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के अधीन आया; 1986 के एनईपी को 1992 में संशोधित किया गया था जब पी वी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे। तीसरा नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्रित्व काल में बुधवार को जारी NEP (National Education Policy) है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आवश्यकता क्यों है
आओ नई एजुकेशन पॉलिसी (2020) के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु पर नजर डालते है
स्कूली शिक्षा में, इस नीति में पाठ्यक्रम को कायापलट (overhaul) करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, बोर्ड परीक्षा को “आसान” (easy board), “मुख्य अनिवार्यता” (Core Essential) को बनाए रखने के लिए पाठ्यक्रम में कमी और “experiential learning and critical thinking”. पर जोर दिया है ।
1986 की नीति से एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिसमे स्कूल शिक्षा की 10 + 2 संरचना के लिए जोर दिया था, जबकि नई एनईपी (New Education Policy) में “5 + 3 + 3 + 4” डिजाइन के लिए संरचना हुई है । जिसमे 3-8 वर्ष (Foundation Stage) के रूप में , 8-11 (प्रारंभिक) Preparatory, 11-14 (मध्य) Middle, और 14-18 (माध्यमिक) Secondary वर्गीकृत (divide) किया है। एनईपी का कहना है कि कक्षा 5 तक के छात्रों को उनकी मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाना चाहिए।
इस नीति में सभी संस्थानों को एकल धाराओं (Single Stream) की पेशकश करने का भी प्रस्ताव है और सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को 2040 तक बहु-विषयक बनने का लक्ष्य रखना होगा।
नई शिक्षा नीति प्रत्येक व्यक्ति की रचनात्मक क्षमता के विकास पर विशेष जोर देती है । शिक्षा प्रणाली का उद्देश्य तर्कसंगत सोच रखने में सक्षम अच्छे मनुष्यों को विकसित करना है
नई शिक्षा नीति के कुछ बुनियादी सिद्धांत जो बड़े स्तर पर शिक्षा प्रणाली का मार्गदर्शन करेंगे
- प्रत्येक छात्र की छुपी हुई क्षमताओं को पहचानना और उन्हें आगे बढ़ाना| अध्यापक और परिवार को उसके प्रति संवेदनशील बनाना|
- ग्रेड ३ से ही, सर्वोच्च प्राथमिकता के अनुसार सभी छात्रों को फाउंडेशनल लिटरेसी और न्यूमेरसी को प्राप्त करना ।
- Flexibility: ताकि शिक्षार्थियों को अपने सीखने के प्रक्षेपवक्र और कार्यक्रमों को चुनने की क्षमता हो, और इस प्रकार जीवन में अपनी प्रतिभा और रूचि के अनुसार अपने रास्ते चुनें|
- कला और विज्ञान के बीच कोई अलगाव नहीं (No hard separation between Arts & Science stream), न ही पाठयक्रम और अतिरिक्त पाठयक्रम गतिविधियों(curricular and extra-curricular activities), व्यावसायिक और शैक्षणिक धाराओं के बीच (Vocational & Academic) etc . और इन सब में नेगेटिव भेदभाव को ख़तम किया जाएगा|
- रटता मारकर सिखने और सिर्फ बोर्ड एग्जाम के लिए सिखने के बजाये वैचारिक समझ (Conceptual understanding) पर जोर दिया जाएगा |
- creativity and critical thinking पर जोर दिया जाएगा ताकि तार्किक निर्णय (logical decision) लेने और नवाचार (innovation) को प्रोत्साहित करने के लिए|
- संचार (Communication), सहयोग (cooperation), टीम वर्क(team work) और लचीलापन (resilience) जैसे जीवन कौशल (life skill) पर जोर दिया जाएगा|
- शिक्षण (Teaching) और सीखने (learning) को बढ़ाने, और भाषा की बाधाओं को दूर करने के लिए, प्रौद्योगिकी (Technology) का व्यापक उपयोग|
- टीचर और उनके पढ़ाने के प्रोसेस को और बेहतर करने पर जोर दिया जाएगा|
- शिक्षा एक सार्वजनिक सेवा है; गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education) हर बच्चे तक पहुंचना बुनियादी अधिकार माना जाना चाहिए|
- पाठ्यक्रम विकल्पों (Course Choice) में लचीलेपन(flexibility) के माध्यम से छात्रों को सशक्त बनाएं|
- इस पॉलिसी के बाद एजुकेशन पर जीडीपी का 6 % खर्च किया जाएगा जो की अभी जीडीपी का 4. 43 % हैं |
- शिक्षा के व्यावसायीकरण मामलो से निपटने के लिया हल्के व कठोर नियम बनाये जाएंगे |
- इस पॉलिसी को लागू करने के लिए सभी विभाग मिलकर काम करेंगे जैसे की MHRD, CABE, केंद्र और राज्य सरकार , education-related Ministries, Departments of Education, Boards (CBSE & NCERT ), NTA आदि
- एक स्वायत्त निकाय, राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम (NETF) (National Education Technology forum) बनाया जाएगा कैसे टेक्नोलॉजी को एजुकेशन में उसे किया जाये|
- भारतीय भाषाओं, कलाओं और संस्कृति को उच्च स्तर पर बढ़ावा दिया जाएगा |(यूनेस्को ने 197 भारतीय भाषाओं को खतरे में घोषित किया है )
- एक भारत श्रेष्ट भारत के तोर पर इस पालिसी को पुरे देश में लागू किया जाएगा|
- टीचर एजुकेशन पर बहुत ज्यादा जोर दिया जाएगा उन्हें अच्छी से अच्छी ट्रैनिग दी जाएगी ताकि वो आने वाली जनरेशन को बेहतर रूप में तैयार कर सके|
- विध्यार्थी को फाइनेंसियल सपोर्ट दी जाएगी (SC ,ST ,OBC & other SEDGs ) और विध्यार्थी को मेरिट बेस पर स्कॉलरशिप दी जाएगी ताकि वो बेहतर बहविष्ये बना सके
दोस्तों ये सब सुन्ने में तो बहुत अच्छा लग रहा है भारत सरकार देर से सही लेकिन हमारी लचर एजुकेशन सिस्टम को सुधारने के लिए काफी अच्छे कदम उठाने वाली है | और ये देखना भी दिल्चस्प होगा इन सब चीजों को जमीनी तोर पर कैसे लागू किया जाएगा | क्यूंकि गवर्नमेंट ने ये सब तो बता दिया के ये सब होगा लेकिन ये नहीं बताया है कि इन सब को लागे करने के लिए क्या प्लान है
उच्च शिक्षा में ये बदलाव (NEP 2020: High Education Changes)
- उच्च शिक्षा में मल्टीपल इंट्री और एग्जिट का विकल्प
- पांच साल का कोर्स वालों एमफिल में छूट
- कॉलेजों के एक्रेडिटेशन के आधार पर ऑटोनॉमी
- मेंटरिंग के लिए राष्ट्रीय मिशन
- हायर एजुकेशन के लिए एक ही रेग्यूलेटर
- लीगल एवं मेडिकल एजुकेशन शामिल नहीं
- सरकारी और प्राइवेट शिक्षा मानक समान
- नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) की होगी स्थापना
- शिक्षा में तकनीकी को बढ़वा
- दिव्यांगजनों के लिए शिक्षा में बदलाव
- 8 क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्सेस शुरू
स्कूली शिक्षा में ये बदलाव (NEP 2020: School Level Changes)
- 3 से 6 साल के बच्चों के लिए अर्ली चाइल्डहुड केयर एवं एजुकेशन
- एनसीईआरटी द्वारा फाउंडेशनल लिट्रेसी एवं न्यूमेरेसी पर नेशनल मिशन शुरु
- 9वीं से 12वीं की पढ़ाई की रुपरेखा 5+3+3+4 के आधार पर
- बच्चों के लिए नए कौशल: कोडिंग कोर्स शुरू
- एक्सट्रा कैरिकुलर एक्टिविटीज-मेन कैरिकुलम में शामिल
- वोकेशनल पर जोर: कक्षा 6 से शुरू होगी पढ़ाई
- नई नेशनल क्यूरिकुलम फ्रेमवर्क तैयार: बोर्ड एग्जाम दो भाग में
- रिपोर्ट कार्ड में लाइफ स्किल्स शामिल
- साल 2030 तक हर बच्चे के लिए शिक्षा सुनिश्चित
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