English (First Flight A Letter to God) Summary In Hindi

लैंचो का घर और फसल
लैंचो का अकेला घर घाटी में था। यह एक नीची पहाड़ी की चोटी पर था। वहाँ से व्यक्ति नदी और खेतों को देख सकता था। लैंचो की अच्छी फसल थी। परन्तु इसे वर्षा की अत्यधिक आवश्यकता

वर्षा का आना
लैंचो ने आकाश को उत्तर दिशा में देखा। उस तरफ वर्षा के बादल थे। उसकी पत्नी शाम को खाना बना रही थी। उसने उसे बताया कि परमात्मा ने चाहा तो वर्षा होगी। शीघ्र ही वर्षा की बड़ी-बड़ी बूंदें गिरने लगीं। लैंचो वर्षा का अपने शरीर पर अनुभव करने के लिए बाहर गया। वह काफी खुश था। उसने कहा कि वर्षा की बूंदें नये सिक्के थे।

ओले और उनके कारण विनाश
परन्तु शीघ्र ही ओले हरेक स्थान पर गिरने लगे। खेत सफेद हो गये जैसे नमक से ढके हों। फसल पूर्ण रूप से नष्ट हो गई। लैंचों उदास हो गया। उसने महसूस किया कि उस वर्ष वे भूखे रहेंगे। उनके पास अगली फसल के लिए बीज भी नहीं होगा।

परमात्मा को लैंचो का पत्र
परन्तु लैंचो को अकेली एक आशा थी : परमात्मा से सहायता। उसे विश्वास था कि कोई भी भूख से नहीं मरता। उसे परमात्मा में बहुत विश्वास था। अगले रविवार वह डाकखाने गया। उसने परमात्मा को उसके पास सौ पीसो भेजने के लिए एक पत्र लिखा। उसने पते के रूप में ‘परमात्मा’ लिखा।

पोस्टमास्टर द्वारा लैंचो के लिये पैसे इकट्ठा करना
डाकखाने के एक कर्मचारी ने इस पत्र को पोस्टमास्टर को दिखाया। पोस्टमास्टर पते को देख कर हँसा। उसने इच्छा की कि अच्छा होता उसका भी परमात्मा में ऐसा ही विश्वास होता। उसके मन में एक विचार आया : पत्र का उत्तर दिया जाये। परन्तु उसे पढ़ने के बाद उसने पाया कि लेखक को पैसे चाहिएँ। यह लेखक का विश्वास रखने के लिए था। इसलिए उसने अपने सभी मित्रों और कर्मचारियों को कुछ (थोड़ा-थोड़ा) पैसा देने के लिए कहा।

लैंचो के पास पैसे भेजना
इस प्रकार पोस्टमास्टर सिर्फ सत्तर पीसो ही इकट्ठे कर सका। उसने पैसे को एक लिफाफे में डाला और उसके ऊपर लैंचो का पता लिख दिया। उसने हस्ताक्षर के रूप में इस पर सिर्फ एक शब्द ‘परमात्मा’ लिख दिया।

लैंचो द्वारा पैसों की प्राप्ति
अगले रविवार लैंचो डाकखाने आया। उसने पूछा कि उसके लिए क्या कोई पत्र है। उसे वह पत्र दिया गया। लैंचो ने पैसा देखकर कोई आश्चर्य नहीं दिखाया। जब उसने पैसे गिने तो उसे गुस्सा आया। उसने महसूस किया कि परमात्मा कोई गलती नहीं कर सकता था।

परमात्मा को लैंचो का पत्र-डाकखाने के कर्मचारियों को धोखेबाज कहना
तुरन्त ही लैंचों ने परमात्मा को दूसरा पत्र लिखा। उसने इसे लैटरबॉक्स में डाल दिया। पोस्टमास्टर ने इसे खोला। लैचों ने उस पत्र में लिखा था कि उसे केवल सत्तर पीसो मिल गए हैं। परन्तु उसने तो एक सौ पीसो के लिए कहा था। उसने परमात्मा को बाकी के पैसे उसके पास भेजने के लिए कहा। परन्तु परमात्मा को वे पैसे डाक द्वारा नहीं भेजने चाहिएँ। यह इसलिए था क्योंकि डाकखाने के कर्मचारी धोखेबाज हैं।

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