Who Did Patrick’s Homework Summary In English
Patrick hated doing homework. He found it boring. He was interested in playing games. He played, hockey, basketball and Nintendo. His teachers warned him that he must do homework. Otherwise he would remain an ignorant person. Sometimes, he really felt that he was so. But somehow, Patrick could not help it.
One day Patrick found his cat playing with a little doll. He took the doll away. To his surprise, he found that the doll was, in fact, a little man. This man wore old-fashioned britches. His hat was tall like a witch’s. That little man cried, “Save me”. In return he promised to grant Patrick a wish.
Patrick saved the little man. He was much pleased. He asked the little man to do all his homework till the end of the semester. That way he could get A’s. The little man didn’t like it, yet he agreed to do so. He began his work in right earnest. However, there was one difficulty. Very often, he needed Patrick’s help ir doing the homework properly.
Sometimes, the elf would ask for a dictionary. He would request Patrick to look up a word and speak its spellings loudly. When it came to Math, it was even worse. The elf did not know much of it. So, Patrick had to sit beside him and guide him all the time. It was the same thing with History. Patrick had to go to the library, get the books and read them out to the elf. Then the elf would write those points in his homework answer-book.
Patrick had to do much hardwork. Finally, the last day of school arrived and the elf was free to go. The homework had, of course, been completed. Patrick got his A’s. His classmates were amazed and his teachers smiled. His parents wondered how their son had become such a model kid. Patrick had, indeed, developed a whole new attitude.
Of course, Patrick thought that the elf had done his homework. But the truth is that he was all along doing it himself.
Who Did Patrick’s Homework Summary In Hindi
पैट्रिक को होमवर्क करने से नफरत थी। उसे यह उबाऊ लगता था। उसकी रुचि खेलने में थी। वह हॉकी, बास्केट बाल और नितेन्डू खेलता था। उसके अध्यापक उसे चेतावनी दिया करते थे कि होमवर्क करना आवश्यक था। वरना वह मूर्ख रह जायेगा। कभी-कभी उसे वाकई लगता था कि वह ऐसा ही है। पर कुछ ऐसा था कि पैट्रिक लाचार
था।
एक दिन पैट्रिक ने अपनी बिल्ली को एक छोटी सी गुड़िया से खेलते देखा। वह गुड़िया को वहाँ से दूर ले गया। तब उसने हैरानी से देखा कि वह गुड़िया तो वास्तव में एक बहुत छोटा मनुष्य थी। यह आदमी पुराने ढंग का नेकर पहने था। उसका टोप किसी जादूगरनी के टोप की तरह लम्बा था। वह छोटा आदमी चिल्लाया, “मुझे बचा लो”। इसके बदले में उसने पैट्रिक की किसी एक इच्छा को पूरा करने का वचन दिया।
पैट्रिक ने उस छोटे आदमी को बचा लिया। वह बहुत खुश हुआ। उसने उस छोटे आदमी से कहा कि वह उसका सारा होमवर्क उस सैमिस्टर के अंत तक करता रहे। इस प्रकार उसे A ग्रेड मिल सकते थे। उस छोटे आदमी को यह बात अच्छी नहीं लगी फिर भी उसने ऐसा करना स्वीकार कर लिया। उसने पूरी ईमानदारी से अपना काम प्रारंभ कर दिया। पर एक कठिनाई थी। होमवर्क ठीक से करने के लिये उसे प्रायः पैट्रिक की सहायता की जरूरत पड़ती थी।
कभी-कभी उस बौने को शब्दकोश की ज़रूरत होती थी। वह पैट्रिक से उसमें किसी शब्द को देखकर जोर-जोर से उसके स्पेलिंग पढ़ने को कहता। गणित की बारी आने पर स्थिति और भी विकट हो जाती थी। बौने को गणित कम आती थी। अत: पैट्रिक को उसके पास बैठकर सारा समय उसका मार्गदर्शन करना पड़ता था। इतिहास के साथ भी कुछ ऐसा ही था। पैट्रिक को पुस्तकालय जाकर किताबें लानी पड़तीं और उन्हें बौने को पढ़-पढ़ कर सुनाना होता। तब बौना उन बातों को उसके होमवर्क की कापी पर लिख देता था।
पैट्रिक को बड़ा श्रम करना पड़ रहा था। अंततः स्कूल जाने का अंतिम दिन आ गया और बौना अब वहाँ से जाने के लिये आजाद था। हाँ, होमवर्क तो पूरा हो ही चुका था। पैट्रिक को अपने A ग्रेड मिल गये। उसके सहपाठी चकित थे और शिक्षक प्रसन्न थे। उसके माँ-बाप हैरान थे कि कैसे उनका बेटा ऐसा आदर्श बालक बन गया था। पैट्रिक का नजरिया, वाकई पूरी तरह बदल चुका था।
निस्संदेह, पैट्रिक सोच रहा था कि उसका होमवर्क बौने ने किया था। किंतु सच यह था कि सारा समय वह स्वयं ही तो उसे कर रहा था।