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Class 8th Science
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Class 8 Social Science History
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Online Class For 8th Standard Students (CBSE) (English Medium)
About Lesson

On the Grasshopper and Cricket Summary In English

Introduction
It is not a story-poem. Grasshopper is a symbol of hot summer. Cricket is a symbol of very cold winter. Every poet has found great beauty and poetry in spring and fine weather. Keats is different. He finds nature beautiful in all seasons not excluding the hot summer and cold winter.

Hot Summer
The earth is always singing. The birds stop singing in the hot summer. They seem to have fainted in the hot sun. They hide themselves in cooling trees. At that time a grasshopper can be seen flying from hedge and singing delightfully. He sings tirelessly. When tired, he rests beneath some weed.

Cold Winter
The birds are silent in very cold winter too. Then, the earth expresses its pleasure through different beings. On a frosty winter day, there seems to be utter silence. Then suddenly this silence is broken not from the trees but from the stones. It is the song of a cricket. The song seems to be increasing in warmth every moment. The people hear it in their houses. To someone half-asleep, it may seem to be a grasshopper’s song coming from grassy hills.

On the Grasshopper and Cricket Summary In Hindi

भूमिका
यह कोई कथात्मक कविता नहीं है। टिड्डा तेज गर्मी के मौसम का प्रतीक है। झींगुर बड़ी सर्द शीतऋतु का प्रतीक है। हर कवि को बसंत और सुंदर मौसम में बड़ा सौंदर्य और कविता दिखती है। कीट्स अलग है। उसे प्रकृति हर मौसम में सुंदर लगती है और इसमें गर्म ग्रीष्म और सर्द शीत भी शामिल हैं।

गर्म ग्रीष्म
पृथ्वी लगातार गाती है। पक्षी गर्म ग्रीष्म में गाना बंद कर देते हैं। लगता है गर्म धूप में वे मूर्छित हो गए हैं। वे ठंडे वृक्षों में छिप जाते हैं। उस समय टिड्डे को पौधों की एक बाड़ से दूसरी बाड़ की ओर उड़ते हुए खुशी से गाते हुए देखा जा सकता है। वह अनथक गाता ही जाता है। जब थक जाता है तब वह किसी जंगली पौधे के नीचे विश्राम कर लेता है।

सर्द शीत
अति सर्द शीत ऋतु में भी पक्षी शांत हैं। तब पृथ्वी भिन्न प्राणियों के द्वारा अपनी प्रसन्नता की अभिव्यक्ति करती है। बर्फ से भरे शीत ऋतु में पूर्ण नीरवता दिखाई देती है। तब अचानक इस सन्नाटे को तोड़ती आवाज वृक्षों से नहीं बल्कि पत्थर से आती है। यह किसी झींगुर का संगीत है। प्रतिक्षण गर्मी में इस संगीत का स्वर ऊँचा होता दिखाई देता है। लोग अपने घरों में इसे सुनते हैं। अर्धनिद्रा में डूबे किसी व्यक्ति को यह हरी भरी पहाड़ियों से आता हुआ किसी टिड्डे का संगीत लग सकता है।

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