In The Kingdom of Fools Summary In English
The kingdom of fools
In the kingdom of fools the king and the minister were idiots. They ordered all things to be reversed. They decided to change night into day and day into night. They ordered people to do day’s work in night and sleep in the day. Anyone not obeying was to be punished with death. So people out of fear did ’ as they were asked to do. This delighted the king and the minister.
A guru and disciple see the city
Once a guru aiyd his disciple arrived in the city. They found everyone asleep during the r day. No activity was observed. It amazed them. They wandered till evening. Then the people woke up. They started doing their nightly businesses. Now the two were hungry. They bought some food items. The price of everything was same, a single duddu. This surprised and delighted them. The guru realized that it was really a kingdom of fools.
Guru leaves the city but disciple remains behind
The guru decided to leave the city of fools. He asked his disciple also to leave the place. But the disciple didn’t want to do so for cheap food. The guru advised the disciple that nothing could be predicted of fools. But the disciple didn’t care. He remained behind. Time passed on. The disciple ate to his fill. As a result he became very fat.
A thief breaks into a rich merchant’s house
One day a thief broke into a rich merchant’s house. He was taking out the stolen things. Just then the wall of the old house fell on his head. He was killed instantly. The brother of the thief complained to the king about his death. He blamed the owner of the house for his brother’s death.
The owner is summoned
The king heard the accused. He accused him of killing the thief. But the owner said that he was innocent. He said that the person who built the wall was responsible. He didn’t make the good wall. The king decided to summon the bricklayer.
The king summons the bricklayer
The king asked the bricklayer if he had built the wall. He accused him of killing the thief. Before the king could order his death, the bricklayer pleaded innocence. He told the king that he could not concentrate while building the wall. A dancing girl moved in the street. So she was responsible for it.
The dancing girl is summoned
The king charged the dancing girl of killing the thief. The dancing girl said that the goldsmith was responsible for it. She had given some gold to him. He had to make some jewellery for her. He was lazy. He did not make the jewellery early. So she had to walk up and down the street. So it was the goldsmith’s fault.
The goldsmith and his plea
The king now ordered to summon the goldsmith. The goldsmith replied that there was a wedding in the rich man’s house. He had to make jewellery for him. So he could not finish the jewellery of the dancing girl in time.
The rich man is summoned before the king
The king declared the rich man to be the murderer. He was also the owner of that house. But he said that his father had ordered the jewellery. The king consulted his minister. He decided that the owner be punished in his father’s place. The king asked for a new stake to be made ready for the owner to die. But the owner was very thin. He could not be executed. The king was worried about it. Then he ordered to search a man who was fit for the stake. He should be executed.
The disciple is in trouble
The disciple was found fit for the stake. He was brought to the place of execution. The disciple now remembered his wise guru’s words. He prayed to his guru. The guru had magic powers to see the past and the future. He saw everything. He arrived at once to save his disciple. He told his disciple something in a low voice. The disciple understood this.
The guru’s trick to save his disciple
The guru and the disciple now started fighting. The guru wanted to die first. The king asked the guru why he wanted to die. The guru told the king in his ears that their city was unique. This was the stake of god of justice. The stake was new. It was never used earlier on crimirfals. Whoever died on it first, would be born a king. Whoever died next, would be born as a minister.
The king decides to die
The king thought over the whole case. He didn’t want to lose the kingdom even in his next birth also. So he talked to his minister. The king said that they would go on stake themselves. Thus they would be reborn as king and minister again. The king and minister went secretly to the prison. They released the guru and the disciple. They put themselves in their places. So they were taken to the stake and executed.
The guru and disciple become the king and the minister
The dead bodies of the king and the minister were taken down. The people mourned their deaths. They discussed the future of the kingdom. Suddenly some people thought of the guru and the disciple. They’ were secretly leaving the city. People saw them. They requested them to be their new king and the minister. But they put one condition. It was to change all the old laws. So they changed the laws.
In The Kingdom of Fools Summary In Hindi
मूर्खा का राज्य
मूर्खा के राज्य में राजा और मंत्री मूर्ख थे। उन्होंने सभी चीजों को उलटा करने का आदेश दिया। उन्होंने रात को दिन और दिन को रात में बदलने का फैसला किया। उन्होंने लोगों को आदेश दिया कि दिन का काम रात में करें और दिन में सोयें। कोई भी जो आदेश का पालन नहीं करता पाया गया उसे मौत की सजा दी जायेगी। अतः लोगों ने डर की वजह से वही किया जो उनको करने के लिये कहा गया। इससे राजा और मंत्री आनंदित हो गये।
एक गुरु और चेला शहर को देखते हैं।
एक बार एक गुरु और उसका चेला शहर में आये। दिन के समय उन्होंने प्रत्येक को सोते हुए पाया। कोई कार्य नहीं हो रहा था। इससे वे आश्चर्यचकित हो गये। वे शाम तक घूमते रहे। तब लोग जागे। उन्होंने अपने रात के कार्य करने शुरू कर दिये। अब वे दोनों भूखे हो गये। उन्होंने कुछ खाद्य पदार्थ खरीदे। सभी चीजों का मूल्य एक समान था-एक डड्डू। इससे वे आश्चर्यचकित और आनदित हो गये। गुरु ने महसूस किया कि वास्तव में यह मूर्खा का राज्य था।
गुरु शहर छोड़ देता है परन्तु चेला वहीं रहता है।
गुरु ने मूखों के शहर को छोड़ने का फैसला कर लिया। उसने अपने चेले को भी जगह छोड़ने को कहा। परन्तु चेला सस्ते खाने की वजह से ऐसा करना नहीं चाहता था। गुरु ने चेले को सलाह दी कि मूखों के बारे में कुछ भी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। परन्तु चेले ने कोई चिन्ता नहीं की। वह वहीं रह गया। समय बीतता चला गया। चेले ने भरपेट खाया। परिणाम स्वरूप वह बहुत मोटा हो गया।
एक चोर एक अमीर व्यापारी के घर में सेंध लगाता है।
एक दिन एक चोर ने एक अमीर व्यापारी के घर में सेंध लगाई। वह चुराई हुई वस्तुओं को बाहर ले जा रहा था। तभी पुराने घर की दीवार उसके सिर पर गिर गई। वह उसी समय मारा गया। चोर के भाई ने उसकी मृत्यु की शिकायत राजा से की। उसने अपने भाई की मृत्यु का दोष मकान मालिक पर लगाया।
मकान मालिक को बुलाया जाता है।
राजा ने दोषी को सुना। उसने उसे चोर की मृत्यु का दोषी करार दिया। परन्तु मालिक ने कहा कि वह निर्दोष है। उसने कहा कि जिस आदमी ने दीवार बनाई वह जिम्मेदार है। उसने अच्छी दीवार नहीं बनाई। राजा ने ईंट लगाने वाले (राजगीर) को बुलाने का फैसला किया।
राजा ईंट लगाने वाले ( राजगीर ) को बुलाता है।
राजा ईंट लगाने वाले से पूछता है कि क्या यह दीवार उसने बनाई है। वह उसे चोर को मारने का दोषी करार देता है। इससे पहले कि राजा उसकी मौत का आदेश देता राजगीर ने अपने निर्दोष होने की वकालत की। उसने राजा को बताया कि वह दीवार बनाते समय अपने ध्यान को एकाग्र नहीं कर पाया। एक नाचने वाली लड़की गली में इधर-उधर घूमती थी। इसलिए वह इसके लिये जिम्मेदार थी।
नाचने वाली लड़की को बुलाया जाता है।
राजा ने नाचने वाली लड़की को चोर को मारने का दोषी करार दिया। नाचने वाली लड़की ने कहा कि इसके लिये सुनार जिम्मेदार था। उसने उसे कुछ सोना दिया था। उसने उसके लिए कुछ गहने बनाने थे। वह सुस्त था। उसने गहने जल्दी नहीं बनाये। इसलिये उसे गली में आना-जाना पड़ा। इसलिए यह सुनार का कसूर था।
सुनार और उसकी प्रार्थना
राजा ने अब सुनार को बुलाने का आदेश दिया। सुनार ने उत्तर दिया कि अमीर आदमी के घर में शादी थी। उसे उसके लिए गहने बनाने थे। इसलिए वह नाचने वाली लड़की का गहने बनाने का काम समय पर समाप्त नहीं कर सका।।
अमीर आदमी को राजा के सामने बुलाया जाता है।
राजा ने अमीर आदमी को हत्यारा घोषित कर दिया। वह उस घर का मालिक भी था। परन्तु उसने कहा कि गहनों का आदेश उसके पिता ने दिया था। राजा ने अपने मंत्री से सलाह ली। उसने फैसला किया कि मालिक को उसके पिता के स्थान पर सजा दी जाये। राजा ने मालिक के मरने के लिए नया फँदा तैयार करने को कहा। परन्तु मालिक बहुत पतला था। उसे फाँसी नहीं दी जा सकी। राजा इसके बारे में चिंतित था। तब उसने फाँसी के योग्य आदमी को ढूंढने के आदेश दिये। उसको फाँसी दे देनी चाहिए।
चेला मुसीबत में
चेला फैदे के योग्य पाया गया। उसे फाँसी के स्थान पर लाया गया। चेले ने अब अपने बुद्धिमान गुरु के शब्द याद किये। उसने अपने गुरु से प्रार्थना की। गुरु के पास भूत और भविष्य को देखने की जादुई शक्तियाँ थीं। उसने सभी कुछ देखा। वह एकदम अपने चेले को बचाने के लिए पहुँचा। उसने अपने चेले को दबी आवाज में कुछ कहा। चेला इसे समझ गया।
गुरु की अपने चेले को बचाने के लिए चाल
गुरु और चेले ने अब लड़ना शुरू कर दिया। गुरु पहले मरना चाहता था। राजा ने गुरु से पूछा वह मरना क्यों चाहता है। गुरु ने राजा के कान में बताया कि उनका शहर अनोखा था। यह न्याय के देवता का फैदा था। यह फैदा नया था। यह पहले कभी अपराधियों पर प्रयोग नहीं किया गया। जो इस पर पहले मरेगा वह राजा के रूप में जन्म लेगा। जो उसके पश्चात मरेगा वह मंत्री के रूप में जन्म लेगा।
राजा मरने का निर्णय लेता हैं।
राजा ने सारे केस के बारे में सोचा। वह अपने अगले जन्म में भी राज्य नहीं खोना चाहता था। इसलिए उसने अपने मंत्री से बात की। राजा ने कहा कि वे खुद को फाँसी लगायेंगे। इस तरह से तो वे अगले जन्म में दोबारा राजा और मंत्री के रूप में जन्म लेंगे। राजा और मंत्री छिपकर जेल गये। उन्होंने गुरु और चेले को रिहा कर दिया। उन्होंने उनके स्थान ले लिए। इसलिए वे फैदे पर ले जाये गये और उन्हें फाँसी दे दी गई।
गुरु और चेला राजा और मंत्री बन जाते हैं।
राजा और मंत्री के शव नीचे उतारे गये। लोगों ने उनकी मृत्यु पर शोक मनाया। उन्होंने राज्य के भविष्य के बारे में बातचीत की। अचानक कुछ लोगों ने गुरु और चेले के बारे में सोचा। वे छिपकर शहर छोड़ रहे थे। लोगों ने उन्हें देख लिया। उन्होंने उन्हें अपना नया राजा और मंत्री बनने की प्रार्थना की। परन्तु उन्होंने एक शर्त लगाई। यह सभी पुराने कानूनों को बदलने के बारे में थी। इसलिए उन्होंने कानून बदल दिए।